Thursday, June 18, 2020

मीडिया या पत्रकार के खिलाफ FIR दर्ज होने के बारे में सरकार ही तय करेगी दिशा-निर्देश : सुप्रीम कोर्ट

मीडिया या पत्रकार के खिलाफ FIR दर्ज होने के बारे में सरकार ही तय करेगी दिशा-निर्देश : सुप्रीम कोर्ट
 देश  Reported by 
दिल्ली डेस्क -:नेशनल न्यूज़ नेटवर्क 
मीडिया अथवा पत्रकार के खिलाफ एफआइआर दर्ज होने के बारे में दिशानिर्देश तय करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को केंद्र सरकार को प्रतिनिधित्व देने को कहा है.
Updated : June 18, 2020 11:41 IST
प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: मीडिया अथवा पत्रकार के खिलाफ एफआइआर दर्ज होने के बारे में दिशानिर्देश तय करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को केंद्र सरकार को प्रतिनिधित्व देने को कहा है.  सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये मामला सरकार को तय करना है, कोर्ट इसमें आदेश नहीं देगा. सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल हुई है जिसमें किसी खबर या डिबेट पर मीडिया अथवा पत्रकार के खिलाफ एफआइआर दर्ज होने के बारे में दिशानिर्देश तय करने की मांग की गई है.
 
याचिका में कहा गया है कि प्रेस काउंसिल आफ इंडिया (पीसीआइ) या न्यायिक अथॉरिटी की मंजूरी के बगैर किसी खबर या डिबेट पर मीडिया अथवा पत्रकार के खिलाफ प्राथमिकी (एफआइआर) दर्ज नहीं होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका मुंबई में रहने वाले घनश्याम उपाध्याय ने अपने वकील विष्णु शंकर जैन के जरिये दाखिल की है.
 
याचिका में कुछ घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा गया है कि इस बारे में कोई स्पष्ट कानून न होने की स्थिति में सुप्रीम कोर्ट को उचित दिशा-निर्देश जारी करने चाहिए. मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है और सुप्रीम कोर्ट हमेशा से मीडिया की अभिव्यक्ति की आजादी का हिमायती और रक्षक रहा है.
कुछ असंतुष्ट लोगों द्वारा रुटीन में खबरों अथवा डिबेट पर मीडिया के खिलाफ बेवजह की एफआइआर नहीं दर्ज होनी चाहिए. मीडिया को इससे छूट मिलनी चाहिए ताकि वे बिना किसी भय के स्वतंत्र होकर अपने कर्तव्य का पालन कर सकें. याचिका में मांग है कि किसी खबर या डिबेट पर मीडिया अथवा पत्रकार के खिलाफ आइपीसी की धारा 295ए, 153, 153ए, 153बी, 298, 500, 504, 505(2),506(2) और साथ में 120बी के तहत एफआइआर और अभियोजन के लिए प्रेस काउंसिल आफ इंडिया या कोर्ट द्वारा तय की गई न्यायिक अथॉरिटी की मंजूरी जरूरी होनी चाहिए. ये धाराएं समुदायों के बीच सौहार्द बिगाड़ने व मानहानि के अपराध से संबंधित हैं.

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